१९६६ mein इंदिरा गांधी कीपत्री जी महाराज के पास गयी थी आशीर्वाद लेने के लिए
तो कीपत्री जी महाराज ने कहा के अगर आप की सरकार बनती है तो आप को देश में गौ हत्या बंद करनी होगी | तो यह बात इन्द्रागाँधी ने मानी तब उनको आशीर्वाद दिया व वो देश की प्रदानमंत्री बनी | | जब किर्पत्री जी महाराज ने कहा के अपना वादा पूरा करे, तो इन्द्रागाँधी ने टालमटोल किया |
कुछ दिन बाद फिर याद कराया , ऐसे करते करते ५-६ महीने गुजर गए |
जो कीपत्री जी महाराज थे उनको क्रोध आ गया तो उन्होंने देश के लाखों संतों को इकठा करके संसद का घिराव किया | इन्द्रागाँधी ने उनकी बात सुनने की बजाये पुलिस को गोली का आर्डर कर दिया | जहा पर हजारों साधुओ की गोली मार कर हतियाँ कर दी |
तो यह देश का सबसे बड़ा हटिया कांड था जहां पर एक प्रदानमंत्री ने सीधे तोर पर पुलिस को आर्डर किया था |
तो किर्पत्री जी माहराज ने गंगा जल हथेली में रख कर श्राप दिया था इंद्रागाँधी को , जैसे आप ने निर्दोष गौरक्षों की हत्या की है आप के आप व आप का परिवार भी अन्यायी मोती मरेजाएगे |
व उनकी मौत गोपाष्टमी के दिन होगी ताकि इतिहास इस बात को याद रखे |
आप ने देखा होगा , इन्द्रागाँधी की जो हतिया हुई व गोपाष्टमी का दिन था जब राजीव गाँधी की हत्या हुई वो गोपाष्टमी का दिन था | वो भी गोपाष्टमी का दिन था | जब संजय गाँधी की मोत हुई तो वो भी गोपाष्टमी का दिन था उस दिन के बाद २० साल गुजर गए | किसी जो भगत ने , संस्था ने गोमाता की हत्यां बंद करने की आवाज नहीं उठायी |
इतना खौफ देश में पैदा कर दिया , गए का नाम लेने से डरते थे , उसके २० साल बाद गोलोक वासी मेरे गुरुमहाराज बाबा श्रवण दास जी महाराज मुझे आशीर्वाद दिया यह कार्य गौ हतिया बंद कराने का , यह आप की ड्यूटी है
तो उन्होंने मुझे कई वरदान दिए के कसाई आप को कभी शु नहीं सकेंगे , ऐसा ही आज तक गुरुमहाराज के आशीर्वाद से चलता आ रहा है
जहां पर पुलिस जाने से डरती है वह पर अकेले ने जाकर सैकङों गौओं को अकेले बचाया है